तुराज़ की शायरी -7 “turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) इंतज़ार बहुत मुश्किल होता है मगर बेहद ज़रूरी होता है ज्यों बिना पतझड़ के बसंत नहीं होता बिना अमावस के पूरा ...
आत्म-रुप में जीवन (Life in Self) Hindi Poetry जब आत्मा ही न हो तुममें तो तुम श्रृंगार करोगे कैसे कर भी लो भला तो तुम जचोगे कैसे गर ज्योति जगी ...
कुदरत की आवाज़ (Voice of the Nature) (Hindi Poetry) मैं चुप हूं एक मूक बधिर सी हूं दया आती है मुझको उस पर जिसको मैंने कोख में पाला वही ...
अद्भुत “Amazing” (Hindi Poetry) इस नीले आसमान के नीचे इस धरती का एक कण हूं मैं पर कितना अद्भुत हूं मैं चारों तरफ फैली हुई इस बहुरंगी दुनियां का एक ...
सरिता “River” (Hindi Poetry) देखता हूं तट पर खड़े सरिता को बनाते रास्ते बड़ रही सागर की तरफ कुछ पुण्य का भाव लिए सूखता तरुवर कहीं पर पुकार रहा हो ...
कोरोना वायरस से सावधानी “Corona Virus Awareness” (Hindi Poetry) किसी देश के किसी शहर में किसी कॉलोनी के किसी घर में किसी कमरे में किसी शख्श को खांसी उठी थी ...
“दहशत कोविड-19 महामारी की (Panic Of Covid-19 Pandemic)” (Hindi Poetry) “ख़ौफ़ के मंझर भी अजीब होते हैं, कभी कौऐ चमगादड़ से, तो कभी दीवालों पे भी साये से दिखाई देते ...
“दमकता अंगारा (Sparkling Ember)” (Hindi Poetry) “वक्त का दिया जलाये चल संसार की हवा से बचाये चल तेरी ही रोशनी से तू बढ़ेगा कदम“ अँगारे उमंग के शायद दब से ...
“आत्म-चिंतन (Self Reflection)” (Hindi Poetry) “ओस की बूंद का, दिनकर के आगे क्या परिचय ! कौन हूँ मैं, मेरा अपने से क्या परिचय!” अनंत श्रंखला है शायद मेरे आने-जाने की ...
“लकड़ी का कीड़ा (Wooden Worm)” (Hindi Poetry) “सोया-सोया सा, खोया-खोया सा मदमस्त चला जा रहा था मैं, मंजिल की तरफ शुक्र उस राह के काँटे का, जिसने मुझे चलना सिखा ...