निगाहों का सिला “Eye Contact” (Hindi Poetry)

निगाहों का सिला “Eye Contact” (Hindi Poetry)

निगाहों का सिला

“Eye Contact”

(Hindi Poetry)

 

जब

भी देखा

उसने

भरी

निगाह से,

मुझे

दिया ही

दिया

है..

तेरी

निगाहों को

देखे बिना

“तुराज़” के

जीने का

सिला ही

क्या

है..

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़