आत्म-रुप में जीवन (Life in Self) Hindi Poetry जब आत्मा ही न हो तुममें तो तुम श्रृंगार करोगे कैसे कर भी लो भला तो तुम जचोगे कैसे गर ज्योति जगी ...
कुदरत की आवाज़ (Voice of the Nature) (Hindi Poetry) मैं चुप हूं एक मूक बधिर सी हूं दया आती है मुझको उस पर जिसको मैंने कोख में पाला वही ...
कल्पनाओं से यथार्थ तक (पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल) Story special अगर वट वृक्ष को दुनियां में आना है तो लाज़मी है कि किसी नन्हे, अनजान और अस्तित्व विहीन से ...
मेरे होने की खुशी…. The Pleasure of being me (Hindi Poetry) मेरे होने की खुशी जिसको है मेरे न होने का गम भी उसी को होगा व्यवसाइयों का क्या है ...
जिंदगी पर कविता -4 (Hindi Poetry) निरुत्तर हूं और निशब्द भी जीवन को जीकर ही जानी मैंने जीवन की परिभाषा बहता नीर निर्मल सा जैसे दुग्ध – स्फटिक धारा हिम ...
Silence is the law of nature A seed grows with no sound, But a tree falls with a huge noise. Destruction has noise, But creation is quiet. This is the ...
जिंदगी पर कविता -2 “Poetry on Life“ (Hindi Poetry) ज़िंदगी, याद है तुझे मेरा चले आना, सब बेइंतजाम था कितना बेपरवाह था मैं न रिश्तों का पता था न अपने ...
अंतराष्ट्रीय कोरोना महामारी “International Corona Pandemic” (Hindi Poetry) बहुत थे जिनको मैं, अब खोजता हूं उन जैसा कभी कोई दिखता भी है पर वह कभी, कहीं नहीं दिखते जब भी ...
अनंत की यात्रा “Journey to Infinity” (Hindi Poetry) उठो चलो, बड़ो आगे को रुक नहीं जाना है वैसे ही बहुत देर हो गई है अब आगे को बड़ते जाना है ...
नव वर्ष की पूर्व संध्या “On the Eve of New year” (Hindi Poetry) कुछ सुख के, कुछ अपनेपन के कुछ इच्छाओं और आशाओं के सपने बुनकर सुंदर महल खड़ा कर ...