सनातन ही सनातन है “Sanatan is Eternal” (Hindi Poetry) सनातन ही तो सनातन है यह आज का भी नहीं कल का भी नहीं यह तो सनातन से है जो सच ...
जीवन में क्या पाया ? “What did you get from Life”? (Hindi Poetry) एक सपना सा था शायद! मैं आया था जगत में एक खेत और कुछ बीज लिए, खेत ...
प्यार के बढ़ते कदम “First Step to Love” (Hindi Poetry) रात भर तलाश रही उस ख्वाब की हमें जो जब आया तो आते ही टूट गया एक मुस्कुराहट आई ही ...
आदमी पागल है Human Being is Mad (Hindi Poetry) घर के रास्ते पर चलते हुए मैंने एक पागल सा देखा है…… अक्षरधाम मंदिर के सामने ही, फुटपाथ पर, उसने कूड़े ...
बूढ़े मन की पीड़ा “Agony of a Older Brain” (Hindi Poetry) विरह बड़ी है तट पर हूं आज क्षत विक्षत पड़ा मैं भव-सागर की लहरों से आहत, बहुत गोते मारे ...
पहाड़ की मौत “Death of a Mountain” (Hindi Poetry) आज फिर भयावह चीख से टूटा है कोई पहाड़ मैं गवाह हूं उसके व्यक्त दुख का जो असहनीय है- सूख चुकी ...
शब्द और वाणी “Word and Voice” (Hindi Poetry) उत्तम अभिव्यक्ति अपेक्षित है साक्षरता का साक्ष्य यही मौन प्रखर है, माध्यम भी अंतर्दृष्टि की अभिव्यक्ति यही कुछ भी शब्दों के प्रत्युत्तर ...
मैं नन्हाँ सा गुल हूं (I am a Little Flower) Hindi Poetry मैं उस पेड़ का फूल नहीं जिसमें मंद मंद मुस्कान नहीं न झरे मधु, बिखरे गंध नहीं न ...
आत्म-रुप में जीवन (Life in Self) Hindi Poetry जब आत्मा ही न हो तुममें तो तुम श्रृंगार करोगे कैसे कर भी लो भला तो तुम जचोगे कैसे गर ज्योति जगी ...
जिंदगी पर कविता -4 (Hindi Poetry) निरुत्तर हूं और निशब्द भी जीवन को जीकर ही जानी मैंने जीवन की परिभाषा बहता नीर निर्मल सा जैसे दुग्ध – स्फटिक धारा हिम ...