सनातन ही सनातन है “Sanatan is Eternal” (Hindi Poetry) सनातन ही तो सनातन है यह आज का भी नहीं कल का भी नहीं यह तो सनातन से है जो सच ...
आदित्य पर कविता “Poetry on Aditya “Sun” (Hindi Poetry) सूरज को अब हम भरी आंख से देखेंगे धरती पर ही नहीं अब हम उसके ही घर में उसको देखेंगे बहुत ...
तुराज़ की शायरी -13 “Turaaz ki Shayari”-13 (Hindi Poetry) उधार की बातों को संजोता रहा ज्ञान समझकर अब तकदीर को कोसता हूं एक कौने में बैठकर राह का इल्म लेना ...
बूढ़े मन की पीड़ा “Agony of a Older Brain” (Hindi Poetry) विरह बड़ी है तट पर हूं आज क्षत विक्षत पड़ा मैं भव-सागर की लहरों से आहत, बहुत गोते मारे ...
पहाड़ की मौत “Death of a Mountain” (Hindi Poetry) आज फिर भयावह चीख से टूटा है कोई पहाड़ मैं गवाह हूं उसके व्यक्त दुख का जो असहनीय है- सूख चुकी ...
मैं नन्हाँ सा गुल हूं (I am a Little Flower) Hindi Poetry मैं उस पेड़ का फूल नहीं जिसमें मंद मंद मुस्कान नहीं न झरे मधु, बिखरे गंध नहीं न ...
आत्म-रुप में जीवन (Life in Self) Hindi Poetry जब आत्मा ही न हो तुममें तो तुम श्रृंगार करोगे कैसे कर भी लो भला तो तुम जचोगे कैसे गर ज्योति जगी ...
मेरे होने की खुशी…. The Pleasure of being me (Hindi Poetry) मेरे होने की खुशी जिसको है मेरे न होने का गम भी उसी को होगा व्यवसाइयों का क्या है ...
जिंदगी पर कविता -4 (Hindi Poetry) निरुत्तर हूं और निशब्द भी जीवन को जीकर ही जानी मैंने जीवन की परिभाषा बहता नीर निर्मल सा जैसे दुग्ध – स्फटिक धारा हिम ...
जिंदगी पर कविता -2 “Poetry on Life“ (Hindi Poetry) ज़िंदगी, याद है तुझे मेरा चले आना, सब बेइंतजाम था कितना बेपरवाह था मैं न रिश्तों का पता था न अपने ...