Author: Turaaz

"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़
समायोजन : “Adjustment” (Hindi Poetry)

समायोजन : “Adjustment” (Hindi Poetry)

समायोजन “Adjustment” (Hindi Poetry)   सब संभव हो जाता है अगर समायोजन(adjustment) हो जीवन में फूलों में ही देखो ! कांटे भी संग जुड़े हैं मधु और गंध की लूट ...
प्यार तो परमात्मा है : “Love is Divine” ( Hindi Poetry)

प्यार तो परमात्मा है : “Love is Divine” ( Hindi Poetry)

प्यार तो परमात्मा है “Love is Divine” (Hindi Poetry) प्यार-प्यार, क्या है ये प्यार? प्यार तो सब-कुछ ही है यार फिर प्यार के नाम पर इतनी तकरार ! लड़ाई-झगड़ा, कोर्ट-कचहरी, ...
प्रयास : “Effort” (Hindi Poetry)

प्रयास : “Effort” (Hindi Poetry)

प्रयास “Effort” (Hindi Poetry)   मैं नन्हें-नन्हें डग भर तुझ तक, आने की कोशिश कर फिर-फिर गिर जाता हूं। पता नहीं क्यों ? फिर उठता हूं, डग भरता हूं, चल ...