ठंड “Cold” (Hindi Poetry) वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो अदरक-चाय मिलती रहे, स्नैक्स-पकोड़ियां सजी रहें मुंह चलते रहे, रजाई यूं ही उड़ी रहे वीर तुम अड़े ...
आलोचक “Critics” (Hindi Poetry) आलोचक अगर सच्चा आलोचक हो तो जीवन बदल देता है कहीं जीने की समझ तो कहीं रिश्तों की समझ कहीं खुद को बदलने की समझ ...
The Most Relevant Thought (Motivational Thought) If one has been at the beside of some one who is dying,one would probably know that most people have the same kind ...
आदमी के होने की अहमियत “The Value of Presence” (Hindi Poetry) आदमी का होना ही अहम होता है जब वह नहीं होता है तब होने का भाव पता होता है ...
पॉजिटिव सोच से प्रयास “Effort with Positive Thinking” (Motivational Thought) we should never allow the negative association we may have with the word “effort” to distract us from doing ...
अल्फ़ाजों का शहर “The City of Words” (Hindi Poetry) यह “अल्फ़ाजों” का शहर है यहां बातें बहुत होती है सुबह के अलग और शाम के अलग अखबार छपते हैं ...
मैं जीवन हूं “I am Life” (Hindi Poetry) मैं जीवन हूं मेरा कोई लक्ष्य नहीं मैं बनता हूं, मिट जाता हूं फिर पुनः बन जाता हूं मिट्टी से बनकर, ...
सरिता “River” (Hindi Poetry) देखता हूं तट पर खड़े सरिता को बनाते रास्ते बड़ रही सागर की तरफ कुछ पुण्य का भाव लिए सूखता तरुवर कहीं पर पुकार रहा हो ...
भय और चिंता “Fear and Worrying” (Motivational Thought) When your brain cries for “Fear”, or apprehension! Your body can’t differentiate between whether the risk is real or imagined – ...
कौन हूं मैं ? “Who am I” (Hindi Poetry “Shayari”) मैं सोचता हूं रोज उठकर कि मैं सोकर कहां चला जाता हूं। मैं उठता हूं, फिर निकल पड़ता हूं, ...