अंतराष्ट्रीय कोरोना महामारी “International Corona Pandemic” (Hindi Poetry) बहुत थे जिनको मैं, अब खोजता हूं उन जैसा कभी कोई दिखता भी है पर वह कभी, कहीं नहीं दिखते जब भी ...
नव वर्ष की पूर्व संध्या “On the Eve of New year” (Hindi Poetry) कुछ सुख के, कुछ अपनेपन के कुछ इच्छाओं और आशाओं के सपने बुनकर सुंदर महल खड़ा कर ...
अंतिम याचना “Final Call” (Hindi Poetry) मैं तो अब, तेरे ही रथ में बैठा हूं क्या सही है, क्या गलत इसका मुझको कोई इल्म नहीं तू जहां भी हाँक ले, ...
अद्भुत “Amazing” (Hindi Poetry) इस नीले आसमान के नीचे इस धरती का एक कण हूं मैं पर कितना अद्भुत हूं मैं चारों तरफ फैली हुई इस बहुरंगी दुनियां का एक ...
ठंड “Cold” (Hindi Poetry) वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो अदरक-चाय मिलती रहे, स्नैक्स-पकोड़ियां सजी रहें मुंह चलते रहे, रजाई यूं ही उड़ी रहे वीर तुम अड़े ...
आलोचक “Critics” (Hindi Poetry) आलोचक अगर सच्चा आलोचक हो तो जीवन बदल देता है कहीं जीने की समझ तो कहीं रिश्तों की समझ कहीं खुद को बदलने की समझ ...
अल्फ़ाजों का शहर “The City of Words” (Hindi Poetry) यह “अल्फ़ाजों” का शहर है यहां बातें बहुत होती है सुबह के अलग और शाम के अलग अखबार छपते हैं ...
मैं जीवन हूं “I am Life” (Hindi Poetry) मैं जीवन हूं मेरा कोई लक्ष्य नहीं मैं बनता हूं, मिट जाता हूं फिर पुनः बन जाता हूं मिट्टी से बनकर, ...
सरिता “River” (Hindi Poetry) देखता हूं तट पर खड़े सरिता को बनाते रास्ते बड़ रही सागर की तरफ कुछ पुण्य का भाव लिए सूखता तरुवर कहीं पर पुकार रहा हो ...
“तुराज़” एक रहस्य “Turaaz- You the Mystery” (Hindi Poetry) “तुराज़” है, तो व्यक्त हो शब्द में, कि मैं कह सकूं, पड़ सकूं कि मैं लिख सकूं, और सुन सकूं। ...