तन्हाई : “Loneliness” (Hindi Poetry) “Shayari”

तन्हाई : “Loneliness” (Hindi Poetry) “Shayari”

तन्हाई

Loneliness” 

(Hindi Poetry)

“Shayari”

जिसने भी तन्हाई में जीना सीख लिया

उसी से रू-ब-रू हुई है “ज़िंदगी”

हकीकत तो यही है “तुराज़”

कि भीड़ में भी तन्हा ही

होता है आदमी।

                                       “तुराज़”…..✍️

 

 

 

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़