तुराज़ की शायरी -8 “Turaaz ki Shayari-8” (Hindi Poetry) सब सोचते हैं – काश जिंदगी आसाँ होती… मगर, अगर आसाँ होती तो हम रोते हुए क्यों आते… “”””””””””””” “गैर” कोई ...
तुराज़ की शायरी -7 “turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) इंतज़ार बहुत मुश्किल होता है मगर बेहद ज़रूरी होता है ज्यों बिना पतझड़ के बसंत नहीं होता बिना अमावस के पूरा ...
तुराज़ की शायरी -6 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) दूसरों को बदलने की कोशिश में वक़्त बर्बाद न कर यह ख़्वाहिश ख्वाबों में दबी रह जाती है, तू ठहर कर ...
तुराज़ की शायरी -5 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) जिसने भी तन्हाई में जीना सीख लिया, उसी से रु – ब – रू हुई है ज़िंदगी, हकीकत तो यही है ...
तुराज़ की शायरी -4 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) मैं सोचता हूं रोज उठकर कि मैं सोकर कहां चला जाता हूं। मैं उठता हूं, फिर निकल पड़ता हूं, दुनियां में ...
तुराज़ की शायरी -3 “Turaaz ki Shayari” -3 (Hindi Poetry) जिंदगी भर दूसरे को हराता रहा “आदमी” पर मैंने तो हर आदमी को “खुद” से हारते देखा है। ...
तुराज़ की शायरी -2 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) हसरतें कम हों गर, “मायूस” समझ लेते हैं लोग हसरतें बड़ गई हैं अब बेचैन दिल कहते हैं लोग ...
तुराज़ की शायरी -1 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) कहां रह पाता हूं मैं बिन तेरे दीदार के मेरे जिगर में धड़कन तुझ ही से है। हर रात का ...
आदमी पागल है Human Being is Mad (Hindi Poetry) घर के रास्ते पर चलते हुए मैंने एक पागल सा देखा है…… अक्षरधाम मंदिर के सामने ही, फुटपाथ पर, उसने कूड़े ...
बूढ़े मन की पीड़ा “Agony of a Older Brain” (Hindi Poetry) विरह बड़ी है तट पर हूं आज क्षत विक्षत पड़ा मैं भव-सागर की लहरों से आहत, बहुत गोते मारे ...