गर्भ कहां है जीवन का “Where is the Womb of Being” (Hindi Poetry) चूहेदानी चूहे के पीछे कब भागी है चूहा ही आता है, बेचारा फंस जाता है दुख ...
दृढ़ निश्चय “Determination” (Hindi Poetry) निष्काम रह सकूं कर सकूं पूजा अर्चना सम्मान कर सकूं सभी का इतनी समझ, शुद्धि और बुद्धि दे…. मैं विकसित हो सकूं ...
बुद्ध नहीं हूं मैं “I am not Buddha” (Hindi Poetry) शब्द हूं निशब्द गंतव्य है मेरा मन हूं मन के पार चले जाना है… रोग हूं रोगमुक्त होना ...
परछाई “Shadow” (Hindi Poetry) जीवन के हर सुख दुख में मैंने अपनी परछाई को देखा मैं जब जब भी नाचा हूं खुशी में मैंने उसको भी नाचते देखा…. ...
दिया तले अंधेरा क्यों है? “Darkness under the Lamp” (Hindi Poetry) दिया तले अंधेरा क्यों है? इतना डर इतनी घबराहट सब भरा भरा सा है बाहर अंदर इतना खालीपन क्यों ...
“मैं”को खोजता हूं मैं I am Searching “I” (Hindi Poetry) मेरे मैं की पीढ़ा असहनीय है पर खाज का सा सुख उसका प्रारंभ है जैसे प्रसव की पीढ़ा खो सी ...
जिंदगी पर कविता -4 (Hindi Poetry) निरुत्तर हूं और निशब्द भी जीवन को जीकर ही जानी मैंने जीवन की परिभाषा बहता नीर निर्मल सा जैसे दुग्ध – स्फटिक धारा हिम ...
अंतराष्ट्रीय कोरोना महामारी “International Corona Pandemic” (Hindi Poetry) बहुत थे जिनको मैं, अब खोजता हूं उन जैसा कभी कोई दिखता भी है पर वह कभी, कहीं नहीं दिखते जब भी ...
अनंत की यात्रा “Journey to Infinity” (Hindi Poetry) उठो चलो, बड़ो आगे को रुक नहीं जाना है वैसे ही बहुत देर हो गई है अब आगे को बड़ते जाना है ...
नव वर्ष की पूर्व संध्या “On the Eve of New year” (Hindi Poetry) कुछ सुख के, कुछ अपनेपन के कुछ इच्छाओं और आशाओं के सपने बुनकर सुंदर महल खड़ा कर ...