तुराज़ की शायरी -14 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) मैं उन हालात पर परेशान सा रहा जिन्होंने ही तराशी थी मेरी जिंदगी आज नमन करता हूं हर उस शख्स को ...
तुराज़ की शायरी -13 “Turaaz ki Shayari”-13 (Hindi Poetry) उधार की बातों को संजोता रहा ज्ञान समझकर अब तकदीर को कोसता हूं एक कौने में बैठकर राह का इल्म लेना ...
तुराज़ की शायरी -09 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) दुनियां को समझना तो दूर रहा खुद को समझना भी आसान कहां बेकार की कोशिश है यहां पैर जमाना कौन है ...
तुराज़ की शायरी -8 “Turaaz ki Shayari-8” (Hindi Poetry) सब सोचते हैं – काश जिंदगी आसाँ होती… मगर, अगर आसाँ होती तो हम रोते हुए क्यों आते… “”””””””””””” “गैर” कोई ...
“कौन कब जी सका है मुहब्बत के बगैर मग़र दुनियाँ में मुहब्बत का हमदर्द भी कहाँ मिलता है” “मुहब्बत” चीज ही ऐसी है न भूख है, न प्यास है, जुबां ...