मुहब्बत : Love (Hindi Poetry) “Shayari”

मुहब्बत : Love (Hindi Poetry) “Shayari”

“कौन कब जी सका है मुहब्बत के बगैर
मग़र दुनियाँ में मुहब्बत का हमदर्द भी कहाँ
मिलता है”

“मुहब्बत” चीज ही ऐसी है
न भूख है, न प्यास है,
जुबां पर, बस एक नाम है
खयालों के बादल उमड़ते हैं
और ख्वाबों की बारिश होती है!
~ तुराज़

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़