परछाई “Shadow” (Hindi Poetry) जीवन के हर सुख दुख में मैंने अपनी परछाई को देखा मैं जब जब भी नाचा हूं खुशी में मैंने उसको भी नाचते देखा…. जब जब ...
शब्द और वाणी “Word and Voice” (Hindi Poetry) उत्तम अभिव्यक्ति अपेक्षित है साक्षरता का साक्ष्य यही मौन प्रखर है, माध्यम भी अंतर्दृष्टि की अभिव्यक्ति यही कुछ भी शब्दों के प्रत्युत्तर ...
आत्म-रुप में जीवन (Life in Self) Hindi Poetry जब आत्मा ही न हो तुममें तो तुम श्रृंगार करोगे कैसे कर भी लो भला तो तुम जचोगे कैसे गर ज्योति जगी ...