तुराज़ की शायरी -15
“Turaaz ki Shayari”
(Hindi Poetry)
कोई बात कर गया ऐसी
कि लफ्ज़ दिल में चुभ गए।।
जो बात की निगाह से
इस तरह
कि अंजुमन में
किस्से बन गए।।
एक रात हमने
चिराग जलाया था
करीब से
उसी रात बवंडर
उसे बुझा गए।।
सोचा था कि हम
न कह सकेंगे
दिल की
उनकी निगाह पड़ी ही थी
कि बात
जुबां से निकल गई।।
मैं फटेहाल ही रहा
उम्र भर यूं ही
पर हर बार मुझे
दिल को शिलने की
सूई मिलती गई।।
कभी नहीं कर पाते
हम इज़हार प्यार का
मगर जुबां
चीज ही ऐसी है
कि देखते ही
फिसल गई।।
तुराज़….