जीवन का फलसफा “Poetry on Life” (Hindi Poetry)

जीवन का फलसफा “Poetry on Life” (Hindi Poetry)

जीवन का फलसफा

“Poetry on Life”

(Hindi Poetry)

दोनों ही बातें हैं जीवन में

कुछ गाने हैं

कुछ बेगाने हैं

कहीं हलचल है बहुत

कहीं बहुत सुनसानी है

दोनों ही बातें हैं जीवन में……..

कभी खुशी भी आती है

आलिंगन कर जाती है

तभी दबे पांवों से

हल्के हल्के कुछ गम

दस्तक दे जाते हैं

दोनों ही बातें हैं जीवन में……..

हर्षित होता हूं मैं

जब कोई बतियाता है मुझसे

कुछ मेरी भी सुन जाता है

कुछ अपनी कह जाता है

तभी कोई खीझ खाया सा

सब कूड़ा करकट अपने मन का

मुझ पर उड़ेल चला जाता है

दोनों ही बातें हैं जीवन में……

कुसुम खिले हैं आंगन में

बड़े महल हैं चौबारे हैं

कहीं बहुत हरियाली है

कुछ ऐसे भी हैं नजरों में

जिस घर में छाई विरानी है

टूटा छप्पर, टूटे जूते

फटे हाल जिंदगानी है

दोनों ही बातें हैं जीवन में…….

किस को कहें काबिल

किसको कहें नाकाबिल है

निरक्षर कहीं ऐसे भी हैं

जो पढ़े लिखे पर भारी हैं

दोनों ही बातें हैं जीवन में…….

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़