फिक्र मत कर
“गैरों” को समझने की,
ख़ुद को समझने से
“ख़ुदा” मिल जाता है!
“तुराज़”… ✍❤
फिक्र मत कर
“गैरों” को समझने की,
ख़ुद को समझने से
“ख़ुदा” मिल जाता है!
“तुराज़”… ✍❤