तुराज़ की शायरी -16 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) एहसास हो गमों का गर तुम्हें तो बच लीजिए “जनाब” जमाने में ये गम फ्री में मिला करते हैं… ...
तुराज़ की शायरी -15 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) कोई बात कर गया ऐसी कि लफ्ज़ दिल में चुभ गए।। जो बात की निगाह से इस तरह कि अंजुमन में ...
तुराज़ की शायरी -13 “Turaaz ki Shayari”-13 (Hindi Poetry) उधार की बातों को संजोता रहा ज्ञान समझकर अब तकदीर को कोसता हूं एक कौने में बैठकर राह का इल्म लेना ...