Hindi Poetry बूढ़े मन की पीड़ा “Agony of a Older Brain” (Hindi Poetry) बूढ़े मन की पीड़ा “Agony of a Older Brain” (Hindi Poetry) विरह बड़ी है तट पर हूं आज क्षत विक्षत पड़ा मैं भव-सागर की लहरों से आहत, बहुत गोते मारे ... by Turaaz • 08 Aug, 2022
Hindi Poetry जिंदगी पर कविता -2 : “Poetry on Life” (Hindi Poetry) जिंदगी पर कविता -2 “Poetry on Life“ (Hindi Poetry) ज़िंदगी, याद है तुझे मेरा चले आना, सब बेइंतजाम था कितना बेपरवाह था मैं न रिश्तों का पता था न अपने ... by Turaaz • 15 Jan, 202219 Jan, 2022