Hindi Poetry आत्म-रुप में जीवन (Life in Self) Hindi Poetry आत्म-रुप में जीवन (Life in Self) Hindi Poetry जब आत्मा ही न हो तुममें तो तुम श्रृंगार करोगे कैसे कर भी लो भला तो तुम जचोगे कैसे गर ज्योति जगी ... by Turaaz • 21 Jul, 2022