तुराज़ की शायरी -14 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) मैं उन हालात पर परेशान सा रहा जिन्होंने ही तराशी थी मेरी जिंदगी आज नमन करता हूं हर उस शख्स को ...
तुराज़ की शायरी -8 “Turaaz ki Shayari-8” (Hindi Poetry) सब सोचते हैं – काश जिंदगी आसाँ होती… मगर, अगर आसाँ होती तो हम रोते हुए क्यों आते… “”””””””””””” “गैर” कोई ...
तुराज़ की शायरी -5 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) जिसने भी तन्हाई में जीना सीख लिया, उसी से रु – ब – रू हुई है ज़िंदगी, हकीकत तो यही है ...
तुराज़ की शायरी -3 “Turaaz ki Shayari” -3 (Hindi Poetry) जिंदगी भर दूसरे को हराता रहा “आदमी” पर मैंने तो हर आदमी को “खुद” से हारते देखा है। ...
तुराज़ की शायरी -1 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) कहां रह पाता हूं मैं बिन तेरे दीदार के मेरे जिगर में धड़कन तुझ ही से है। हर रात का ...