Hindi Poetry कर्म और भाग्य : “Karma and Destiny” (Hindi Poetry) कर्म और भाग्य “Karma and Destiny” (Hindi Poetry) हमें अपने को छोड़ देना होगा उस कटी पतंग की तरह “पतंग” को नहीं मालूम कि उसको बनाने में किसी पेड़ ... by Turaaz • 02 Dec, 2021