ध्यान ही असली दौलत है
“Meditation is Heritage”
(Spiritual Thoughts)
ध्यान मनुष्य जीवन की सारी समस्याओं की एक दवा है। ध्यान के जरिए हम अपने असल की ओर मुड़ते हैं। ध्यान मनुष्य को अपने स्वभाव से अवगत कराता है। ध्यान ही आधार है शाश्वत धर्म का, शाश्वत सत्य का।
ज्ञान की प्राप्ति के लिए हमें ध्यान की जरूरत होती है और ध्यान किसी पूर्ण गुरु की संगति में सीखा जाता है। ध्यान के लिए किसी पूर्ण गुरु से युक्ति लेकर उसके बताए अनुसार रोज़ रोज़ अभ्यास करना होता है।
जीवन में ध्यान से जरूरी कोई काम नहीं। जिस व्यक्ति ने भी जीवन में ध्यान की अनमोल दौलत के लिए प्रयास किया उसको वह दौलत मिलती है जिसको न तो कोई छीन सकता और न ही चोरी कर सकता बल्कि मृत्यु के बाद भी वह उस दौलत को अपने ही साथ लेकर चला जाता है।
संसार में कमाया गया सारा धन, पद, मान बड़ाई सब मृत्यु छीन लेती है लेकिन ध्यान की दौलत को मृत्यु भी नहीं छीन सकती और यही दौलत है जो परलोक में भी काम आती है।