जीवन की समझ।
“Understanding of Life”
(Motivational Thoughts)
मनुष्य की पूरी जिंदगी की दौड़ भाग का उद्देश्य एक ही है कि खुशी मिले, सुख शांति मिले, और संपन्नता भी।
मगर अगर जीवन का अवलोकन करें, तो खुशी सुख, शांति और संपन्नता बाहरी वस्तुओं और पदार्थों से मिलती नहीं।
जीवन का अनुभव यही कहता है की बाहर की वस्तुएं धन -धान्य, पदार्थ दौड़ भाग से मिल तो जाते हैं मगर मन से सुख शांति और चैन चला जाता है।
जीवन की शुरुआत हर कोई इन पदार्थों को पाने के लिए ही करता है। मगर जब तक उसको एहसास होता है कि उसे मन की शांति, सुख, खुशी और चैन नहीं मिला, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। क्योंकि संसार की भाग दौड़ में, इस मृगतृष्णा में वह इतना उलझ जाता है कि उसको होश ही नहीं आता।
कोई प्रज्ञा शील व्यक्ति इस मृगतृष्णा को वक्त से पहले ही समझ जाता है और अपने को, संसार की इस भागदौड़ से रोक लेता है। विराम लगा देता है। और सच्ची शांति, सुख और खुशी की तलाश करता है। उसी का जीवन बदल जाता है।
♥️♥️
Thankyou so much 🙏🙏