सत्य बल देता है
“Truth is Powerful”
(Buddha Motivation”)
जिस प्रकार वायु से अग्नि को बल मिलता है उसी प्रकार मनुष्य को सत्य से बल मिलता है। मनुष्य को सत्य पर अडिग रहना चाहिए। मगर मनुष्य अपना धैर्य खो बैठता है और असत्य का, झूठ का, अनैतिकता का साथ ले लेता है और अपने को दुर्बल बना देता है।
बुद्ध कहते हैं सत्य दुर्लभ भी है और उसकी राह पर चलना अत्यंत कठिन है मगर निरंतर प्रयास संयम और अनुशासन से सत्य की राह पर चला जा सकता है।
वायु अग्नि को फैलाती है, बल देती है और मनुष्य सत्य से बल प्राप्त करता है और अगर वह अपने को निर्बल समझे और झूठ का सहारा पकड़ ले तो फिर उसे दुख भोगने से कौन बचा सकता है।
सत्य तब तक अदृश्य ही रहता है जब तक मनुष्य उसको हृदय गर्भित न कर ले और इसके लिए मनुष्य को दृढ़ संकल्प से भरा हुआ होना चाहिए। तभी वह समाज के किसी भी प्रभाव से उदासीन हो सकता है। निश्चित ही समाज का प्रभाव और चलन बहुत प्रभावी होता है। लेकिन निरंतर प्रयास, नियम और संयम से उस पर विजय पाई जा सकती है।