जागृत मन की जरूरत
“Need for Mindfulness”
(Motivational Thoughts)
भगवान बुद्ध
मन ही मनुष्य के अंदर एक तंत्र है जो उसके जीवन को संचालित करता है। जिस तरह एक नशा किए हुए ड्राइवर की बहुत संभावना रहती है कि वह कहीं भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है उसी प्रकार एक गलत मार्ग पर लगा हुआ चित्त मनुष्य की इस अनमोल जिंदगी को नरक बना सकता है।
हमें अपने मन की प्रवृत्तियों को अच्छे से समझना चाहिए और हमेशा ही इसे अच्छी आदतों में ढालना चाहिए जो जीवन को जीने में, ध्यान करने में सहायक बने।