ध्यान धरोहर है
“Meditation is Heritage”
(Motivational Thoughts)
ध्यान से बड़ी धरोहर कोई नहीं । जिसको ध्यान मिला उसको ही पता लगा कि उसको क्या मिला है बांकी लोग तो संसार में धरोहर खोजते हैं जो मिलती नहीं सिर्फ मिलने का धोखा होता है। धोखा टूटता है जब मृत्यु के समय कमाई गई, अपनी मानी हुई धरोहर छूट रही होती है। हाथ खाली होते हैं और आंखों में आसूं!
एक धरोहर ध्यान की मिलती है जो थोड़े गिने चुने भाग्यशाली लोगों को। जो जीवन का आनंद भी लूटते हैं और मृत्यु के समय असीम खुशी क्योंकि उनकी ध्यान की धरोहर उनके साथ जाती है। कैसे साथ जाती है? क्योंकि उनके अंदर परम निर्वाण की खुशी और आंखों में चमक है, ज्योति है। जिसको बुद्ध ने कहा था “अत्तो दीपो भव”।