मनुष्य विचारों से निर्मित प्राणी है। उसके मन में अनंत विचार निरंतर उठ रहे होते हैं और उनमें से जो भी विचार बार – बार उठने लगता है, जब वह इतना मजबूत हो जाता है कि लगातार दृष्टि -पटल पर अवलोकन करने लगे तो मनुष्य उसके अनुसार ही निर्णय ले लेता है और कर्म की तरफ अपना पहला कदम बड़ा लेता है। यहीं से कर्म का जन्म होता है।
इसीलिए विचार हमेशा उत्तम, निर्विकार, और पॉजिटिव होने चाहिए।
“तुराज़”…. ✍
Nice thought💝💝
Thnx❤❤
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