तुराज़ की शायरी -7 “turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry)

तुराज़ की शायरी -7 “turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry)

तुराज़ की शायरी -7

“turaaz ki Shayari”

(Hindi Poetry)

इंतज़ार बहुत मुश्किल होता है
मगर बेहद ज़रूरी होता है
ज्यों बिना पतझड़ के
बसंत नहीं होता
बिना अमावस के
पूरा चाँद नहीं होता
””””””””””””””

“प्यार” को थोड़ा वक़्त चाहिए,
कौन किसको समझ पाता है
“अपनी” इतनी उलझनों में
””””””””””””””””””””””

कोई भी मुस्करा देता है
इन फूलों को देख कर,
इनकी अपनी कोई
ख्वाईश नहीं,
बस देने की
ख़ुशी होती है
“””””””””””””””””””””

“मुहब्बत” चीज ही ऐसी है
न भूख है, न प्यास है,
जुबां पर, बस एक नाम है
खयालों के बादल उमड़ते हैं
और ख्वाबों की बारिश होती है!
””””””””””””””””””””””””
तुराज़……✍️

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़