मेरे होने की खुशी….
The Pleasure of being me
(Hindi Poetry)
मेरे होने की खुशी जिसको है
मेरे न होने का गम भी
उसी को होगा
व्यवसाइयों का क्या है जनाब
उनका इमान तो उनका नफा होता है
मिलते तो रोज हैं लोग
मुसाफिर खाने में वजह-बेवजह,
बात करने के खातिर
दुआ सलाम कर लेते हैं सबको
पर नाम तलक नहीं जानते
अच्छा है गैर का अपनापन,
उन रिश्तों से,
जो अंगुली में डली अंगूठी की तरह
कस गए हैं ऐसे,
निकलते भी नहीं , खिसकते भी नहीं
बस दर्द देते हैं।
अरमान बहुत थे तब तक
जब तक दिल में दर्द न था
कांटे की चुभन, आह और आंसू
तुम्हारे हों भला
दूसरे की नजरों में दर्द कम
दिखावा ज्यादा होगा।
मरने का दुख
अजीज को भले ही जितना हो
दूसरा तो (आत्मा अमर है)
गीता का ज्ञान ही देगा।
तुराज़…….
Let’s all practice death not to be scared of it
Thnx for your valuable feedback 🙏🌹