जिंदगी एक रहस्य
“Life is a Mystery”
(Hindi Poetry)
बड़ी सतरंगी है तू जिंदगी
कभी हंसती बहुत है
कभी रोती भी बहुत है
कोल्हू के बैल की तरह
नचाती है जिंदगी
दावे बहुत हैं
हक़ और हकूक बहुत हैं
पर जिस पर गुजरती है
वही जानता है जिंदगी
रिश्ते हैं, नाते हैं
अपने पराए बहुत हैं पर
एन वक्त पर
अकेले ही रह जाती है जिंदगी
कमाया बहुत, बनाया बहुत
सब हाथ झाड़कर
ले जाती है जिंदगी
समय काटे नहीं कटता –
अभी अकेले में,
एक दिन बिल्कुल चुप,
अकेला ही कर जाती है जिंदगी
दिन और रात का हिसाब
अभी लगाता है बैठकर
फिर दिन और रात सब
बराबर कर जाती है जिंदगी
पेट के लिए परेशान
रहे उम्र भर
अंत में यादाश्त भी
ले जाती है जिंदगी
हल यहां मिलता नहीं
किसी भी विचार का
बस यूं ही दिमाग
दौड़ाता है आदमी
लगता सबको है
कुछ न कुछ तो
पा ही लेंगे
अगल बगल झांकता है
तो खाली पाता है जिंदगी
बैठता है इबादत पर तो
संसार का खयाल आता है
संसार में बैठकर
भक्ति को, पछताता है आदमी
सब मिल भी जाता है
अगर किसी को
फिर “खालीपन का कीड़ा”
काटता है जिंदगी
कहां भाग पाया है कोई
जिंदगी को छोड़कर
जहां भी जाओ
उधर ही, आगे खड़ी हो
जाती है जिंदगी
कितना कुछ खोज लिया
पर रहस्य मिटता ही नहीं
जिधर नजर दौड़ाओ
रहस्य भरी है जिंदगी।
तुराज…✍️
Yeh toh sach kaha aapne..!!😃
That’s life 😇
Simply beautiful ❤️
Thnx sir
Your valuable feedback gives me strength to create better. ☺️🙏🙏❤️
Thankyou
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Thnx
Your appreciation always boost me up.🙏🙏❤️🌹
बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है आपने ज़िंदगी के ऊपर 👌🏻👌🏻
धन्यवाद व सादर प्रणाम🌹🌹🙏,
आपका उत्साहवर्धन मुझे और अच्छा लिखने का बल देता है।
मुझे आशा है कि आपको आगे भी अच्छी रचनाएं मिलती रहेंगी।
आपका सादर आभार
🙏🙏🌹