आरोपण : Imposition “Shayari” (Hindi Poetry)

आरोपण : Imposition “Shayari” (Hindi Poetry)

ना चाहते हुए भी, ना न कह सके

और आज हम अपने से ही

बहुत दूर चले गए…… (तुराज़)

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़