“अविरल वक़्त (Continuous Time)“
(Hindi Poetry)
ख़ुशी के तरीके
सबके अपने-अपने हैं
आरजी ही सही पर
कुछ वक्त
वक़्त को तो, भुला ही देते हैं
वक़्त की फिदरत है
खींचता है
अपनी तरफ
कौन चाहता है बूढ़ा होना
झुर्रियां, बालों का सफेद होना
पर शैल चुक जाने से
क्या कभी घड़ी रुकी है।
ए-गुजरे वक़्त पर
अफशोस करने वाले
तुझे मिला ही
सब कुछ
तनहाई में है…
सबके अपने-अपने हैं
आरजी ही सही पर
कुछ वक्त
वक़्त को तो, भुला ही देते हैं
वक़्त की फिदरत है
खींचता है
अपनी तरफ
कौन चाहता है बूढ़ा होना
झुर्रियां, बालों का सफेद होना
पर शैल चुक जाने से
क्या कभी घड़ी रुकी है।
ए-गुजरे वक़्त पर
अफशोस करने वाले
तुझे मिला ही
सब कुछ
तनहाई में है…
~ तूराज़