राम रमण कर “Be with Lord Ram” (Hindi Poetry Turaaz)

राम रमण कर “Be with Lord Ram” (Hindi Poetry Turaaz)

राम रमण कर

“Be with Lord Ram”

 

(Hindi Poetry Turaaz)

राम रमण कर

तू मन मेरे

राम रमण कर..

राम रमण से

राम श्रमण से

पाप कटें सब तेरे

राम रमण कर

तू मन मेरे..

समझ राम को

जो घट तेरे

संग चलत है

बसत है तेरे

रक्षक हैं तेरे राम

तू, समझ मन मेरे..

राम बिन

भव दुख नहीं मिटता

राम शरण कोई

बिरला ही टिकता

तू मत कर

मदहोशी में विश्राम

तू समझ मन मेरे..

राम रमण कर

तू मन मेरे

राम रमण कर

राम रमण से

राम श्रमण से

पाप कटेँ सब तेरे..

राम रमण कर

तू मन मेरे..

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़