Hindi Poetry ठंड : “Cold” (Hindi Poetry) ठंड “Cold” (Hindi Poetry) वीर तुम अड़े रहो, रजाई में पड़े रहो अदरक-चाय मिलती रहे, स्नैक्स-पकोड़ियां सजी रहें मुंह चलते रहे, रजाई यूं ही उड़ी रहे वीर तुम अड़े ... by Turaaz • 24 Dec, 2021