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Hindi Poetry तुराज़ की शायरी -3 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) तुराज़ की शायरी -3 “Turaaz ki Shayari” -3 (Hindi Poetry) जिंदगी भर दूसरे को हराता रहा “आदमी” पर मैंने तो हर आदमी को “खुद” से हारते देखा है। ... by Turaaz • 13 Sep, 2022