Hindi Poetry मतलबी इंसान : Selfish Human Being (Hindi Poetry) “Shayari” कौन रोक पाया है कशिश प्यार की जैसे दरिया बहे चला जाता है समन्दर की तरफ, परवाह भी किसे है रास्ता ढूँढने की चलता है तो खुद बखुद रास्ता बनता ... by Turaaz • 16 Nov, 202116 Nov, 2021