Hindi Poetry कुदरत की आवाज़ (Voice of the Nature) Hindi Poetry कुदरत की आवाज़ (Voice of the Nature) (Hindi Poetry) मैं चुप हूं एक मूक बधिर सी हूं दया आती है मुझको उस पर जिसको मैंने कोख में पाला वही ... by Turaaz • 18 Jul, 2022