Hindi Poetry तुराज़ की शायरी -4 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) तुराज़ की शायरी -4 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) मैं सोचता हूं रोज उठकर कि मैं सोकर कहां चला जाता हूं। मैं उठता हूं, फिर निकल पड़ता हूं, दुनियां में ... by Turaaz • 15 Sep, 2022