Hindi Poetry जिंदगी पर कविता -4, Poetry on Life (Hindi Poetry) जिंदगी पर कविता -4 (Hindi Poetry) निरुत्तर हूं और निशब्द भी जीवन को जीकर ही जानी मैंने जीवन की परिभाषा बहता नीर निर्मल सा जैसे दुग्ध – स्फटिक धारा हिम ... by Turaaz • 21 May, 2022
Hindi Poetry जिंदगी एक रहस्य : “Life is a Mystery” (Hindi Poetry) जिंदगी एक रहस्य “Life is a Mystery” (Hindi Poetry) बड़ी सतरंगी है तू जिंदगी कभी हंसती बहुत है कभी रोती भी बहुत है कोल्हू के बैल की तरह नचाती ... by Turaaz • 20 Jan, 2022