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तुराज़ की शायरी -8 “Turaaz ki Shayari -8” (Hindi Poetry)

तुराज़ की शायरी -8 “Turaaz ki Shayari -8” (Hindi Poetry)

तुराज़ की शायरी -8 “Turaaz ki Shayari-8” (Hindi Poetry) सब सोचते हैं – काश जिंदगी आसाँ होती… मगर, अगर आसाँ होती तो हम रोते हुए क्यों आते… “”””””””””””” “गैर” कोई ...