Hindi Poetry तुराज़ की शायरी -09 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) तुराज़ की शायरी -09 “Turaaz ki Shayari” (Hindi Poetry) दुनियां को समझना तो दूर रहा खुद को समझना भी आसान कहां बेकार की कोशिश है यहां पैर जमाना कौन है ... by Turaaz • 17 Nov, 2022