बुद्ध वचन
“Budha Vachan”
(Buddha Quotes)
जिन प्राणियों पर अज्ञान का परदा पड़ा है वह तृष्णा के पीछे दौड़ते हैं और बार बार इस भव में जहां तहां पैदा होते रहते हैं।
अज्ञान या अविध्या ही मनुष्य के इस भव में पुनर्जन्म का कारण बनती है। अज्ञान से संस्कार पैदा होते हैं और संस्कार से विज्ञान यानि Consciousness बनती है और विज्ञान से नाम रूप पैदा हो जाता है यानि शरीर और भावना पैदा हो जाती हैं। नाम रूप से छै आयतन पैदा हो जाते हैं यानि आंख, कान, नाक, मुंह, त्वचा और छठा मन पैदा हो जाता है।
यानि इस अज्ञान या अविध्या से एक नई उत्पत्ति हो जाती है।
इस संसार सागर से मुक्त होने के लिए अज्ञान या अविध्या को ही जड़ से मिटाना होगा जैसे ताड़ का वृक्ष जो सर से काट दिया हो। अब उसके बड़ने की कोई संभावना नहीं है।