कुछ बातें सुबह की, खुशी दे जाती हैं। बहारें देखकर, दूर क्षितिज में उगता सूरज भर देता है ताजगी नई।
जब आगाज़ अच्छा हो तो अंजाम भी अच्छा होता है। जब खूब मेहनत हो मंजिल के लिए तो आराम भी अच्छा लगता है।
दायरा
जिसने अपने दायरे खोले, अपनी सोच को चार दिवारी से ऊपर उठाया दूर क्षितिज में, आसमान की तरफ, उसकी जिंदगी में एक खुलापन होता है। एक हल्कापन होता है।
पात्रता
एक बाप अपने बच्चों को सब कुछ देना चाहता है। और वह कुदरत को बनाने और चलाने वाला हम जीवों को सताता थोड़े ही है। जिस तरह एक बाप अपने बच्चे के परिपक्व होने का इंतजार करता है, उसके समझदार होने का इंतजार करता है उसी प्रकार जब हम लगातार मेहनत करते हैं, प्रयत्नशील रहते हैं हमारे अंदर सहनशीलता आती है, नम्रता आती है। और जो हमें मिलना है उसके लिए कद्र और इज्जत आती है।हजम करने का जज्बा पैदा होता है । जिस दिन भी यह सब हो जाता है उसी दिन हमें सब मिल जाता है।
सोच
मनुष्य का हर कदम उसके अंदर उठ रही सोच से प्रेरित होता है। वही व्यक्ति जिसने सुबह बहुत नेक काम किए, शाम को मात्र एक गलत सोच के कारण किए गए कृत्य से पछताता है। क्या हुआ ! आदमी वही है लेकिन अंदर उठ रहे विचारों के कारण दूसरा सा दिखाई दे रहा है।
अनुशासन
जिस भी व्यक्ति के अंदर संयम है, नियम से जीवन को जीना सीख लिया है वह व्यक्ति बहुत सी परेशानियों से अपने को बचा लेता है। आपने देखा होगा जो व्यक्ति शुरू से ही अपनी जिंदगी में गुरुकुल में चले जाते हैं, या नौकरी के लिए आर्मी या किसी अन्य फोर्स में चले जाते हैं, प्रोफेसर हैं, टीचर हैं, इन लोगों का एक निश्चित वक्त सोने का है, उठने का है, खाने का है। धीरे धीरे जिंदगी उसी तरह आकार लेती है।
भूत और भविष्य में मन
जो व्यक्ति का मन भूत और भविष्य की घटनाओं पर टिका रहता है उसके जीवन में वर्तमान का इतना महत्व नहीं है। वह वर्तमान में रहता जरूर है, और अपना सारा कामकाज भी करता है मगर बिना होश के, बिना ध्यान को केंद्रित करके। क्योंकि ध्यान केंद्रित होता है जब वह वर्तमान में होता है। जिस व्यक्ति को भी अपने अच्छे जीवन से उम्मीद है, उसे चाहिए कि वह अपना ध्यान भूत और भविष्य की चिंताओं से हटाकर वर्तमान में केंद्रित करे। तभी जीवन में क्रांति घटित होती है। मन में शांति भी होती है और एक नई ऊर्जा भी।