प्रोत्साहन
“Motivation”
(Motivational Thoughts)
लौह के स्तंभ सा
अडिग पथ पर खड़ा
या अविरल धार सी
बहती सदा धरा पर
ढूंढती हैं निगाहें सागर,
यूं ही तुम भी बड़ो
धरो पग आगे को धरो
लक्ष्य तो वहीं खड़ा है
पर अभी दिखता नहीं
तो कहां छोड़ देती हैं
नदियां ढूंढना समंदर को
चलो आगे ही चलो
बड़ते ही रहोगे
कदम तो धरो..(तुराज़)
Nice 🙂
वाह क्या बात है 👌🏻👌🏻
Thankyou so much for your appreciation and support for growing my skills.
Thankyou 🙏🌹