प्रोत्साहन “Motivation” (Motivational Thoughts)

प्रोत्साहन “Motivation” (Motivational Thoughts)

प्रोत्साहन

“Motivation”

(Motivational Thoughts)

लौह के स्तंभ सा
अडिग पथ पर खड़ा
या अविरल धार सी
बहती सदा धरा पर
ढूंढती हैं निगाहें सागर,
यूं ही तुम भी बड़ो
धरो पग आगे को धरो
लक्ष्य तो वहीं खड़ा है
पर अभी दिखता नहीं
तो कहां छोड़ देती हैं
नदियां ढूंढना समंदर को
चलो आगे ही चलो
बड़ते ही रहोगे
कदम तो धरो..(तुराज़)

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"प्रेम" मुक्त-आकाश में उड़ती सुगंध की तरह होता है उसे किसी चार-दिवारी में कैद नहीं किया जा सकता। ~ तुराज़

3 comments

  1. Turaaz says:

    Thankyou so much for your appreciation and support for growing my skills.
    Thankyou 🙏🌹