अपनी क्षमता पहचानें
“know your Potential”
(Motivational Thoughts)
अगर कोई हाथी यह समझने लगे कि उसके पांव तो बांध दिए गए हैं अब वह कैसे चले, कैसे पेड़ों के, पत्ते खाए, जंगल में जाए, गन्ने के खेतों में जाए। वह तो असहाय हो चुका है तो आप उसकी बातों पर हंसोगे कि हाथी जैसा ताकतवर जानवर जो गगनचुंबी पेड़ों को अपनी ताकत से उखाड़ देता है। जिस पर पानी के वेग का असर नहीं होता। जो मनमानी पर उतर आए तो कुछ भी असंभव नहीं।
लेकिन यहां हाथी की बात नहीं हो रही है बल्कि मनुष्य की अपार क्षमता में जब मन कमजोर हो जाता है तो ऐसे ही हाथी की तरह सोचता है।
अपनी खूबियों को, ताकत को समझना चाहिए। मनुष्य तो हाथी के बल के आगे कहीं भी नहीं है। शेर और चीते के आक्रमण करने की क्षमता के आगे कुछ भी नहीं है। मगर फिर भी सबको बस में कर लेता है।
हमें अपनी ताकत को समझना होगा उसको जगाना होगा। वह ताकत हमारे अंदर ही है। कहीं से लानी थोड़े ही है।