बुद्ध के उपदेश
“Buddha Teachings”
(Motivational Thoughts )
बुद्ध कहते हैं कुशल कर्मों को लोक हित में बिना अपने स्वार्थ के लिए करना और अकुशल कर्मों को छोड़ना यानि पाप कर्मों को किसी भी हालत में नहीं करना, यही सभी बुद्धों की शिक्षा है।
इसीलिए बुद्धों ने हमें आठ अंगों वाला मार्ग दिया जिसे आर्य अष्टांगिक मार्ग कहते हैं। इसमें –
शील के तीन अंग हैं – सम्यक वाणी, सम्यक कर्मांत और सम्यक आजीविका
समाधि के तीन अंग हैं – सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति और सम्यक समाधि
प्रज्ञा के दो भाग – सम्यक दृष्टि और सम्यक संकल्प हैं