बिना हल के समस्या नहीं
“Every Problem with Solution”
(Motivational Thoughts)
समस्या कभी भी बिना हल के नहीं होती। हर चीज का हल होता है जब तक वह समस्या के रूप में सामने ना आए तब तक उसका हल दिखाई नहीं देता। वास्तव में हल पहले होता है समस्या तो बाद में आती है और समस्या के जरिए हल दिखाई देता है। हल खोजा जाता है। क्योंकि अगर समस्या ही नहीं होगी तो हल खोजने कौन जाएगा!
हल को तभी खोजा जाता है जब समस्या सामने आती है। ठीक इसी प्रकार जैसे बिना चाबी के ताला नहीं होता और बिना हल के समस्या नहीं होती।
अगर ताले का इस्तेमाल करना है तो चाबी की याद आती है। अगर ताले का इस्तेमाल ना करना हो तो चाबी को कौन खोजेगा! चाबी को खोजना होता है जब ताले की जरूरत होती है।
इसी प्रकार जब समस्या आगे आती है तब हम उस समस्या को दूर करने के लिए हल खोजते हैं। अपना दिमाग लगाते हैं ।
समाधान कभी भी बाहर से नहीं आता। समाधान भी अंदर से ही आता है। जहां से समस्या दिखाई देती है वहीं से समाधान भी खोजा जाता है। मनुष्य के अंदर ही उत्तर है और मनुष्य के अंदर से ही प्रश्न पैदा होते हैं। अगर प्रश्न पैदा ना हो तो फिर उत्तर की कोई जरूरत नहीं । और उत्तर खोजने के लिए कोई प्रयास करने की जरूरत ही नहीं है।
जब प्रश्न उठता है तब उत्तर की तलाश शुरू होती है। यही जीवन का नियम है जब मृत्यु सामने खड़ी होती है तब जीवन का एहसास होता है और जब जीवन सामने होता है, वह दिखाई ही नहीं देता। उसकी अहमियत हमें पता नहीं चलती । जीवन की अहमियत का पता चलता है जब जीवन दांव पर लग जाता है । सामने मौत खड़ी दिखाई देती है।
यह सब एक दूसरे से जुड़ा हुआ है लेकिन जब तक दूसरा पहलू नहीं दिखाई देता तब तक अधूरापन दिखाई देता है पूरी तस्वीर सामने नहीं होती। असलियत का एहसास नहीं होता
इसीलिए जिंदगी में कोई समस्या हो, उसको दोनों पहलुओं से देखना चाहिए। कोई प्रश्न हो तो उसको भी दोनों पहलुओं से देखना चाहिए।