चंद्रयान है महान
“The Great Chandryaan”
(Hindi Poetry)
बचपन से पकड़ना
चाहा था लपक कर
मां की गोद से
लपकते नन्हें
बाजू उठाकर
चंद्रयान बन आसमां में
पंख फैलाए
सोचता था बन जाऊं
में पंछी कोई
क्या क्या नाम दूं तुझे
कभी चंद्र कहूं
कभी चंदा मामा कहूं
कभी चांद तो कभी
मून कहूं
आज चंद्र यान ही
भाया है मुझे
वैज्ञानिकों ने गौरव
दिया है “तुराज़”
नमन है सभी को
सत सत नमन है
सभी को..