मंदिर प्रभु राम का
“Ram Temple Ayodhya”
(Hindi Poetry Turaaz)
हम राम में और
राम हमारा है
जो सब में रम रहा
वह न्यारा है
वह प्यारा है
रोज राम – राम
करते हैं उसको
कभी मां में
कभी बाबा में
कभी चाचा और ताया में
सब जाने और अनजाने में
वही राम रमा सा दिखता है
वह न्यारा है
वह प्यारा है
वही हमारे
जीवन की धारा है
कभी किसी रूप में
कभी किसी रूप में
वह हमें तारने आया है
जीवन की नैया
राम जी के हाथों में
वही तारणहार खिवैया हो
अहम भरा हो मानव में जब
तब कैसे पार लगावे हो
वह न्यारा है वह प्यारा है
वह जगत का तारणहारा है
अयोध्या नगरी में
प्रकट हुए हैं
मंदिर बना भगवान का
दर्शन होंगे आर्य जनों के
पूजा अर्चना, सिंहनाद होगा
वह भगवान जो रम रहा
हमारे प्राणों में बस रहा
वह न्यारा है
वह जगत का
तारणहारा है
दर्शन की लीला अजब है
वह कष्ट निवारण करते हैं
सब हर लेते हैं
दुख हम सबके
देते नव जीवन की
धारा हैं
वह न्यारे हैं
भगवान हमारे प्यारे हैं
भगवान हमारे प्यारे हैं